समाज को जागरुक करने में युवा निभा रहे हैं अहम भूमिका

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थुनाग। कोरोना महामारी से आज पूरा विश्व जूझ रहा है तथा प्रत्येक देश इस महामारी से बाहर निकलने के लिए जंग लड़ रहा है। इस महामारी से बचाव हेतु एहतियात के तौर पर सरकार के दिशा निर्देशों में सामाजिक दूरी अपनाने पर अत्यधिक जोर दिया जा रहा है जिसके तहत प्रत्येक व्यक्ति समाज के दूसरे व्यक्तियों से उचित दूरी बनाए रखता है।

उपमण्डलाधिकारी नागरिक थुनाग, सुरेन्द्र मोहन ने सिराज स्टूडैंट वैलफेयर एसोसिएशन के युवाओं से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से बातचीत करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हमें सामाजिक दूरी की बजाय शारीरिक दूरी को अपनाना होगा।

शारीरिक दूरी अपनाने के लिए प्रत्येक व्यक्ति कम से कम 2 मीटर की दूरी दूसरे व्यक्ति से बनाए रखें, सार्वजनिक चीजों को छूने से परहेज करें, अनावश्यक भीड़ इक्कठी न हो इसके लिए प्रयास करें।

इसलिए युवाओं को चाहिए कि वे अपने रिश्तेदारों, बजुर्गों, गांव वालों, दोस्तों का इस हाल में सहयोग करें, उनकी हौसला अफजाही करें। इसके अलावा बाहर से आने वाले व्यक्तियों के प्रति भ्रम न फैलाएं, किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचें।

यद्यपि सामाजिक दूरी के महत्व को नकारा नहीं जा सकता परन्तु अपने आपको पूरी तरह से समाज से अलग करना भी गंभीर मानसिक बीमारियों को न्योता देने के समान है।

इसलिए यह भी जरुरी है कि युवा वर्ग सोशल मीडिया के माध्यम से अपने रिश्तेदारों, दोस्तों तथा समाज के साथ जुड़े रहें, देश दुनिया में क्या चल रहा है, इसकी खबर रखें, सोशल मीडिया पर कुछ भी शेयर करने से पहले विषयवस्तु की सत्यता की जांच कर लें तथा सबसे जरुरी अपने आपको स्वस्थ रखें।

उन्होंनें युवाओं से आग्रह किया किया कि आजकल दूसरे राज्यों व जिलों से बहुत से व्यक्ति उपमण्डल में प्रवेश कर रहे हैं जिन्हें समाजहित के लिए होम क्वारंटाइन या संस्थागत क्वारंटाइन किया जा रहा है।

ऐसे परिवारों को अपने स्तर पर जरुरी सेवाओं जैसे राशन, दवाईयां इत्यादि उपलब्ध करवाने में प्रशासन का सहयोग करें।

इन परिवारों को एहतियात के तौर पर कोरोना के संभाावित संक्रमण से समाज को बचाने के लिए क्वारंटाइन किया जाता है तथा इसका यह अर्थ बिल्कुल नहीं कि ये लोग कोरोना पाॅजिटिव है।

अतः आपदा की इस घड़ी में अफवाहों को फैलने से रोकने में, क्षेत्र के दूसरे व्यक्तियों द्वारा यदि किसी प्रकार का भ्रम फैलाने की कोशिश की जाती है उन्हें जागरुक करने की भूमिका युवा वर्ग बखूबी निभा सकता है। “हमारी लड़ाई बीमार से नहीं, बीमारी से है” इसलिए इस महामारी से पूरे समाज को बचाने के लिए भरपूर प्रयास करें।

उपमण्डलाधिकारी ने बताया कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सराज के युवा वर्ग ने इससे पहले भी माॅस्क तैयार करके तथा आर्थिक सहयोग देकर अमिट छाप छोड़ी है जिससे यह सिद्ध होता है कि आज के युवा हुनर से भरपूर है, एकजुट है।

बस जरुरत है तो सिर्फ सही मार्गदर्शन की तथा सभी युवाओं से आवाहन किया कि इस आपदा की घड़ी में समाजहित के लिए खुल कर आगे आएं ,समाजहित में जो भी अच्छा करने का मौका मिले, करें तथा प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग करें।

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