मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शिक्षित बेरोजगार युवाओं के लिए बनी स्वरोजगार का बड़ा माध्यम

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पुरूष लाभार्थियों को दी जा रही 25 जबकि महिला लाभार्थियों को 30 प्रतिशत सब्सिडी

शिमला, 29 जून, 2020। जिला हमीरपुर में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना शिक्षित बेरोजगार युवाओं के जीवन का अभिन्न अंग बनी है। इस योजना के अनेकों लाभों के दृष्टिगत युवाओं का जिला अथवा राज्य से बाहर नौकरी करने का रूझान कम हुआ है और वे स्वरोजगार व स्वावलंबन की राह पर अग्रसर हो रहे हैं। जिला में यह योजना युवाओं की रोजी-रोटी का मुख्य जरिया बन चुकी है।

शिक्षित बेरोजगार युवा सरकारी नौकरियों की ओर न जाकर अपने घर के नजदीक ही उद्योग स्थापित करने को प्राथमिकता प्रदान करते हुए इसे स्वरोजगार के रूप में अपना रहे हैं।

जिला में इस समय योजना के तहत 65 औद्योगिक इकाईयां स्थापित की जा चुकी हैं। इन विभिन्न प्रकार की इकाईयों में युवाओं को जिला उद्योग केन्द्र विभाग, हमीरपुर द्वारा विभिन्न बैंकों के माध्यम से 25 करोड़ 46 लाख रूपए के ऋण प्रदान करने के साथ-साथ 3 करोड़ 59 लाख रूपए की सब्सिडी भी प्रदान की गई है।

जिला हमीरपुर का एक छोटा-सा गांव मसियाणां है जो हमीरपुर जनपद मुख्यालय से लगभग 6 किलोमीटर की दूरी पर कुनाह खड्ड के छोर पर बसा हुआ है। मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत ऋण लेने के बाद मसियाणां गांव के 24 वर्षीय सुशिक्षित बेरोजगार युवक साकेत चोपड़ा की तकदीर ही बदल गई है।

साकेत चोपड़ा ने क्रैशर में जेसीबी मशीन तथा अन्य मशीनरी की खरीद के लिए जिला उद्योग केन्द्र हमीरपुर के माध्यम से मार्च, 2019 में नाल्टी स्थित हिमाचल प्रदेश कांगड़ा सहकारी बैंक से 23 लाख रूपए का ऋण लिया, जिस पर विभाग की ओर से उन्हें 6.25 लाख रूपए की सब्सिडी प्रदान की गई।

साकेत चोपड़ा ने इस जेसीबी मशीन पर मशीन आॅपरेटर व हैल्पर के रूप में दो व्यक्तियों को रोजगार प्रदान किया है। उनके अनुसार प्रतिदिन इस क्रैशर यूनिट में चार हजार फुट क्रैशर तैयार की जाती है। उन्हें अब घर बैठे ही हर माह इस कार्य से लगभग 60 हजार रूपए की आमदनी हो रही है।

इसके अतिरिक्त, वह मशीन आॅपरेटर व सहायक को क्रमशः 15 हजार रूपए तथा 8 हजार रूपए मासिक वेतन प्रदान करते हैं। यूनिट के चारों ओर हरियाली और वातावरण अनुकूल हो, इसके लिए बेहतर प्रबंध किए गए हैं।

यूनिट के साथ ही कुनाह खड्ड है, जहां से मशीन व यूनिट के लिए पर्याप्त मात्रा में कच्ची सामग्री उपलब्ध रहती है। खड्ड से बजरी, रेता इत्यादि निकालने के लिए यूनिट द्वारा वैज्ञानिक तौर-तरीकों का प्रयोग किया जाता है ताकि खड्डों का स्तर नीचे न जाए।

इससे खड्डों से कच्ची सामग्री भी उपलब्ध होती रहेगी तथा जल स्तर भी बना रहेगा। कुनाह व शुक्कर्र खड्ड के संगम के स्थान पर इस कार्य के लिए खड्ड को लीज पर लिया गया है ताकि यूनिट के लिए सामग्री की कमी न हो।

साकेत चोपड़ा के पिता विजय चोपड़ा ने वर्ष 1988 में मसियाणां गांव में इसी स्थान पर कुनाह खड्ड के किनारे जगदम्बा क्रैशर कम्पनी के नाम से एक क्रैशर इकाई की स्थापना की थी।

उन्होंने जहां अपने पिता की विरासत को विस्तार दिया वहीं इसे स्वरोजगार का साधन भी बनाया है। अन्य लोगों को भी इस यूनिट के माध्यम से रोजगार प्राप्त हुआ है जो प्रदेश सरकार द्वारा युवाओं के स्वावलंबन एवं उज्जवल भविष्य के लिए शुरू की गई मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के कारण संभव हो पाया है।

साकेत चोपड़ा बताते हैं कि इस जेसीबी मशीन की स्थापना से जहां इकाई पर क्रैशर का कार्य दोगुना हुआ है, वहीं समय की भी काफी बचत हो रही है।

पहले जब यूनिट पर इस प्रकार की जेसीबी मशीन नहीं थी तब कठिनाईयों का सामना करना पड़ता था। लेकिन मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतर्गत सुविधा मिलने के बाद अब कम समय में जहां प्रतिदिन क्रैशन तैयार करने की गति दोगुनी हुई है वहीं आमदनी में भी आशातीत इजाफा हुआ हैै। भविष्य में इस यूनिट पर और कई लोगों को रोजगार प्रदान करने की साकेत चोपड़ा की योजना है।

साकेत चोपड़ा ने उनके पिता द्वारा स्थापित इस यूनिट को निरंतरता प्रदान करने के लिए तकनीकी शिक्षा की ओर रूझान किया और बीटैक सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की।

उन्हें जिला उद्योग केन्द्र हमीरपुर के माध्यम से मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की जानकारी मिली तथा इस योजना के सकारात्मक पहलुओं को गहराई से जानने के बाद अपने पिता द्वारा लगाई गई क्रैशर इकाई के कार्य को ओर गति प्रदान करने की ठानी। उनका कहना है कि मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना ने न केवल उनकी तकदीर बल्कि इस यूनिट की तसवीर ही बदल कर रख दी है।

इस इकाई के ऊपर की तरफ एक डग बनाया गया है जिसमें गटका, रेत इत्यादि डाला जाता है जो मशीन में एक प्रक्रिया के अंतर्गत अंदर जाता है और क्रश होने के बाद विभिन्न आकार में क्रैशर तैयार किया जाता है। यूनिट पर 9 ट्रैक्टर सामग्री की ढुलाई के लिए लगाए गए हैं। पूरी इकाई में 30 से 35 लोग कार्य कर रहे हैं।

जिला उद्योग केन्द्र हमीरपुर के कार्यवाहक महाप्रबंधक जी एल नेगी के अनुसार जिला हमीरपुर में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के अंतग्रत अब तक विभिन्न प्रकार की 65 विभिन्न औद्योगिक इकाईयों की स्थापना की जा चुकी है।

इन औद्योगिक इकाईयों की स्थापना के लिए विभाग द्वारा शिक्षित बेरोजगार युवा लाभार्थियों को विभिन्न बैंकों के माध्यम से 25 करोड़ 46 लाख रूपए के ऋण प्रदान करने के साथ-साथ इस पर 3 करोड़ 59 लाख रूपए की सब्सिडी भी प्रदान की गई है।

उल्लेखनीय है कि इस योजना के अंतर्गत शिक्षित बेरोजगार युवाओं को औद्योगित ईकाई की स्थापना करने तथा इसे स्वरोजगार के रूप में अपनाकर निरंतरता प्रदान करने के लिए पुरूष लाभार्थियों को 25 प्रतिशत जबकि महिला लाभार्थियों को 30 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान दी जा रही है।

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