महंगाई और बस किरायों की बढ़ोतरी के विरोध में ठियोग में गरजे कांग्रेसी

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शिमला। कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया है कि वह किसान और बागवान विरोधी रही है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले पेट्रोल डीजल में, फिर बस भाड़े में वृद्धि कर सरकार ने लोगों पर महंगाई की दोहरी मार की है।

उन्होंने कहा कि आज कोविड 19 के दौर में बेरोजगारी, बढ़ती महंगाई से जहां आम लोग परेशान हैं वहीं भाजपा सरकार की जनविरोधी नीतियों ने आम लोगों के जीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है।

ना तो सरकार कोरोना पर ही कोई अंकुश लगा पाई है और न ही बढ़ती महंगाई पर। सरकार ने लॉक डाउन के चलते इन चार महीनों में किसी को भी कोई राहत नहीं दी है।

आज महंगाई और बस किरायों की बढ़ोतरी के विरोध में ठियोग में आयोजित रैली को सम्बोधित करते हुआ कुलदीप राठौर ने प्रदेश सरकार की जमकर आलोचना की। उन्होंने कहा कि आज मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अपने कार्यालय से ऑनलाइन उदघाटन और शिलान्यास करने में जुटे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का खजाना पूरी तरह खाली है। उन्होंने कहा कि आज जबकि प्रदेश में सभी का कामकाज ठप पड़ा है ऐसे में सरकार लोगों पर महंगाई और टेक्स थोप कर अपना खजाना भरने में लगी है।

राठौर ने कहा कि प्रदेश की सब से बड़ी आर्थकी सेब सीजन सरकार की लापरवाही की बजह से संकट में है। कोविड के चलते लेबर की समस्या को समय रहते दूर नही किया गया। उन्होंने कहा कि सेब विपणन की समस्या भी सामने खड़ी है। बागवानों को सरकार से कोई भी सहयोग नही मिल रहा है और वह पूरी तरह उपेक्षा का शिकार है।

राठौर ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह हमेशा ही क्षेत्रवाद की राजनीति कर सेब उत्पादक क्षेत्रों की अनदेखी करती रही है।

सड़कों का बुरा हाल है। उन्होंने कहा कि पराला में फल मंडी, शिलारू में सेट्रल ऑफ एक्सलेंस फ़ॉर टेम्प्रेट फ्रूट्स व शिलारू और संधू सब्जी मंडी का निर्माण कार्य को जानबूझकर अधर में लटकाया गया है।

उन्होंने कहा कि पूर्व कांग्रेस सरकार ने बागवानों के हितों को देखते हुए इसका निर्माण कार्य शुरू किया था पर आज इस सरकार के कार्यकाल में यह पूरी तरह ठप पड़ा है।

बस किरायों में 25 प्रतिशत वृद्धि की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि सरकार को इसे जनहित में रद्द करते हुए निजी बस ऑपरेटरों को टैक्स और उनकी बैंक देनदारियों में राहत देनी चाहिए।

उन्होंने इस वृद्धि के विरोध में एक ज्ञापन एसडीएम के माध्यम से सरकार को भेजा।

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