निरंतर बढ़ रही मंहगाई से आम आदमी का जीना हुआ दुश्वार: राणा

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हमीरपुर। कोविड-19 महामारी के बीच लॉकडाउन के बाद आर्थिक संकट में हाल-बेहाल हुई जनता का अब सरकार खून चूसने पर आमादा हो गई है। निरंतर आसमान छू रही मंहगाई ने आम आदमी की जीना दुश्वार कर दिया है। खाने-पीने की चीजों के दाम आसमान छूने लगे हैं।

सरसों का तेल 20 रुपए प्रति लीटर मंहगा हुआ है, जबकि मुंगी मसर की दाल 120 के पार हो चुकी है। आटा 35 रुपए किलो बिकने लगा है। स्वदेशी व सस्ता माल बेचने का दावा करने वाले बाबा से लाला बने रामदेव का आटा 45 रुपए प्रति किलो बिकने लगा है जबकि 1 हफ्ते में डीजल, पेट्रोल की कीमतें 8 रुपए प्रति लीटर बढ़ी हैं।

ऐसे में गरीब की थाली से निवाला छीनने वाली बीजेपी सरकार 20 लाख करोड़ की राहत योजना के कागजी आंकड़े जारी करके जनता को मंहगाई का मीठा जहर परोस रही है।

यह बात कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की नौकरियां छूट चुकी हैं, जो दवाई और पढ़ाई के लिए बेरोजगार होकर बेजार हो रहे हैं।

सरकार उन लोगों को राहत के आंकड़ों के जाल में उलझा कर आर्थिक संकट में फंसी जनता को मुंगेरी लाल के हसीन सपने दिखा रही है। सरकार आत्मनिर्भर भारत पैकेज की घोषणाएं कर रही है जबकि जमीनी हकीकत में जनता कंगाली व मुफलिसी के दौर से गुजर रही है।

सरकार की राहत योजनाएं जमीनी स्तर पर जनता को पूरी राहत नहीं दे पा रही हैं। जबकि दूसरी ओर सरकार राहत के बड़े-बड़े दावे कर रही है।

राणा ने कहा कि संकट के इस दौर में सरकार राहत की योजनाओं के पिटारे जारी करके जनता को महज बेवकूफ बनाने का काम कर रही है जबकि हकीकत यह है कि देश की जनता बेरोजगारी व आर्थिक कंगाली के दौर में निरंतर बढ़ रही मंहगाई से हाल-बेहाल हो कर सरकार की योजनाओं से राहत की उम्मीद कर रही है।

दूसरी ओर सरकार देश के रईस कारोबारियों के पक्ष में खड़ी नजर आ रही है और उनको किसी भी सूरत में घाटा नहीं होने देना चाह रही है।

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