देश में बढ़ रही लूटपाट की वारदातें कर रही हैं बड़े खतरे की ओर संकेत : राणा

Spread with love

हमीरपुर। देश में बढ़ रही लूटपाट की वारदातें देश को अराजकता के दौर में धकेलने लगी हैं जो कि भविष्य के लिए बड़े खतरे की ओर संकेत कर रही हैं। यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है।

उन्होंने कहा कि देश और राज्यों में विकराल होती बेरोजगारी ने देश में अराजकता व लूटपाट की वारदातों में इजाफा किया है, लेकिन देश में बीजेपी की स्वार्थी सत्ता सिर्फ अपने हितों व पूंजीपतियों के हितों को पोषित करने में लगी है। इस बढ़े अराजकता के दौर में भ्रष्टाचार में इजाफा हुआ है।

सरकार और सिस्टम से उठे भरोसे के बीच अब किसी भी नागरिक को सरकार की कारगुजारी पर कोई भरोसा नहीं बचा है। देश के संसाधनों को एक-एक करके बेच चुकी बीजेपी अब झूठ की राजनीति पर आधारित सत्ता अब किसानों के हितों को निगलने पर आमादा हो गई है। सत्ताधारी बीजेपी ने जनता के हितों की बजाय अपने व पार्टी हितों को तरजीह दी है।

राणा ने कहा कि देश की राजनीति का दुर्भाग्य यह है कि आजाद भारत के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि सत्ता जनता व समाज के हितों की बजाय निजी हितों व पार्टी के हितों को ध्यान में रखकर कार्य कर रही है जबकि देश में महामारी व महंगाई लगातार पांव पसार रही है, लेकिन सरकार को जनता की चिंता की बजाय पूंजीपतियों की चिंता है। इसके चलते अब समूचे देश के संसाधनों व सिस्टम को सरकार निजी हाथों में दे रही है।

उन्होंने खुलासा किया है कि बढ़ रही अराजकता के इस दौर में विपक्षी पार्टियां ही नहीं सत्ताधारी पार्टी के कुछ लोग जो राष्ट्रवाद में भरोसा करते हैं, देश की चिंता कर रहे हैं, लेकिन हिटलरशाही सत्ता के दबाव में वह निजी स्वार्थों के लालच में अपने आप को लाचार व बेबस पा रहे हैं।

सत्ता की अति यह है कि संविधान व कानून को दरकिनार करके सत्ता देश को प्राइवेट जागीर के तौर पर चलाना चाह रही है।

देश और प्रदेश में ठप्प पड़े विकास के बीच पूंजीवाद को पोषित करना सरकार का एकमात्र काम रह गया है जिस के चलते देश में दलाल माफिया व भ्रष्टाचारियों का बोलबाला बढ़ा है।

राणा ने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि बीजेपी ने सत्ता की अति में अगर देश को व्यक्तिगत एजेंडे पर चलाने की जिद्द यूं ही बदस्तूर रखी तो आने वाले समय में लोकतंत्र का खात्मा तय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: