चंबा में पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई की प्रैस क्लब शिमला ने की निंदा

Spread with love

शिमला। प्रैस क्लब शिमला ने चंबा में पत्रकारों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज करने की चंबा जिला प्रशासन की कार्रवाई की कड़ी निंदा की है। प्रैस क्लब का कहना है कि चंबा के उपायुक्त द्वारा पत्रकारों के खिलाफ लगातार ऐसी कार्रवाई की जा रही है, जिससे लोकतंत्र के चैथे स्तंभ कहे जाने वाले प्रैस से प्रशासन का टकराव बढ़ता जा रहा है। प्रेस क्लब ने चंबा के उपायुक्त के खिलाफ कार्रवाई करने की मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग उठाई है।

प्रेस क्लब के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज और महासचिव देवेंद्र वर्मा ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा कि कोरोना वायरस के शुरुआत से उपायुक्त चंबा की ओर से विभिन्न समाचार पत्रों के पत्रकारों के ऊपर विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है।

यह एफआईआर इसलिए दर्ज कराई गई कि उन्होंने कोविड-19 सेंटर और क्वारंटीन सेंटरों की हालात बयान करती हुई लाइव कवरेज की थी। पत्रकारिता का दायित्व है कि प्रशासन की अच्छाइयां और कमियों को जनता के सामने ऐसी ही तथ्यपरक खबरों के जरिए पहुंचाएं लेकिन उपायुक्त चंबा को यह नागवार गुजरता है यदि समाचार पत्र जिला प्रशासन की किसी कमी को उजागर करें।

प्रैस क्लब के अध्यक्ष व महासचिव ने कहा कि हाल ही में एक प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र के स्थानीय संवाददाता ने एक शिलान्यास कार्यक्रम में शिलान्यास पट्टिका पर सांसद किशन कपूर के अलावा स्थानीय विधायक के नाम की बजाय डीसी चंबा विवेक भाटिया ने अपने नाम का उल्लेख करा लिया था चूँकि सांसद ने खुद मौके पर ही इस बात पर आपत्ति जताई थी।

ऐसे में पत्रकारिता का धर्म निभाते हुए संवाददाता ने इस खबर को लिखा और समाचार पत्र ने इस खबर को प्रकाशित किया। खबर प्रकाशित होने के बाद जिला प्रशासन ने अपनी गलती मानी और शिलान्यास पट्टिका से उपायुक्त चम्बा का नाम हटाते हुए वहां पर स्थानीय विधायक का नाम लिखवा दिया।

वहीं खबर प्रकाशित होने के बाद स्थानीय नेताओं, विधायक और आम जनता ने खासी नाराजगी जताई थी जिससे उपायुक्त चंबा नाराज हो गए।

गलती सामने आने से नाराज जिला उपायुक्त ने लोक जनसंपर्क अधिकारी चंबा के माध्यम से समाचार पत्र के संवाददाता को नोटिस भेजकर गलत खबर छापने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की चेतावनी दे दी।

प्रैस क्लब ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि जिला प्रशासन का यह कदम संवाददाता और समाचार पत्र को गलत बताने से स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने का प्रयास है। लिहाजा चंबा के उपायुक्त और डीपीआरओ के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: