कोरोना संक्रमण के कारण पोषण अभियान के लिए ऑनलाइन व वर्चुअल तकनीक का किया जा रहा उपयोग

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शिमला। कोरोना संक्रमण की स्थिति के तहत पोषण अभियान को जन आंदोलन बनाने व इसे प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आॅनलाईन व वर्चुअल तकनीक का उपयोग किया जा रहा है।

यह जानकारी बाल विकास परियोजना अधिकारी शिमला शहरी ममता पाॅल ने शिमला में पोषण माह के अंतर्गत की जा रही विभिन्न गतिविधियों के संबंध में जानकारी प्रदान करते हुए दी।


उन्होंने बताया कि पोषण माह के अंतर्गत 1 से 30 सितम्बर तक विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य कुपोषित बच्चों की पहचान व उनकी देखभाल करना तथा आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिका को बढ़ावा देने के लिए सब्जियों के रोपन को बढ़ावा देना है।


उन्होंने बताया कि महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा आयोजित वेबिनार में आंगनबाड़ी स्तर के कार्यकर्ताओं को पोषण संबंधी महत्वपूर्ण विषयों पर जागरूक किया जा रहा है।

उपमण्डलाधिकारी शिमला शहरी व बाल विकास परियोजना अधिकारी कार्यालय में पोषण के पांच सूत्र जिसमें सही पोषण, स्वच्छता, अनिमिया जांच तथा कैल्शियम व आयरन की गोलियों का सेवन व प्रसव पूर्ण जांच की जानकारी प्रदान करते बैनर लगाए जा रहे हैं।


बाल विकास परियोजना शिमला शहरी कार्यालय में बच्चों के वजन एवं लम्बाई मापने के साथ-साथ केवल स्तनपान व पूर्व पोषाहार के सही तरीके व महत्व के बारे में घर-घर गृह भ्रमण के माध्यम से जागरूकता प्रदान की जा रही है।

उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में न्यूट्री गार्डन स्थापित किए गए हैं। पोषण माह के दौरान जन भागीदारी के माध्यम से प्रत्येक केन्द्र में बेहत्तर पोषण वाटिका बनाई जाएगी ताकि बच्चों को केन्द्र के द्वारा वितरित किए जा रहे पोषाहार की गुणवत्ता को और अधिक बढ़ाया जा सके।


उन्होंने बताया कि आज परियोजना में दो निर्माणाधीन स्थान हिमाचल प्रदेश सचिवालय परिसर व रेड़का टूटीकंडी में इनरव्हील संस्था विकास नगर के साथ मिलकर बच्चों व अभिभावकों को साफ-सफाई, सही पोषण, व्यवहार अपनाने, कोविड-19 में ली जाने वाली सावधानी बारे जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि शहर के सभी निर्माणाधीन स्थलों पर माह के दौरान सूक्ष्म गतिविधियां आयोजित की जाएगी।

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