मेड इन इंडिया से बढ़कर मेड फॉर वर्ल्ड आज की जरूरत: अनुराग ठाकुर

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शिमला, 2 जून 2020। केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सीआईआई के कार्यक्रम में देश को आत्मनिर्भर बनाने,अपना उत्पादन बढ़ा कर निर्यात को बढ़ा कर भारत को इकॉनॉमिक सुपरपावर बनाने के लक्ष्य का स्वागत करते हुए सभी देशवासियों से इसमें सहयोग की अपील की है।

अनुराग ठाकुर ने कहा ”कोरोना आपदा से उपजे हालातों के साथ भारत लॉकडाउन को पीछे छोड़कर अनलॉक फ़ेस 1 में प्रवेश कर चुका है। अधिकतर उद्योग धंधे शुरू हो चुके हैं और गेटिंग ग्रोथ बैक के लिए सरकार के साथ साथ देश भी कमर कस चुका है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कोरोना आपदा को एक अवसर की तरह देखा है और हमें आत्मनिर्भर भारत का एक विजन देते हुए हममें यह विश्वास जगाया है कि हम इसे हासिल कर सकते हैं।

यह घड़ी हमारे लिए एक अवसर की तरह है कि हम किस तरह बदली परिस्थियों में भारत को एक बड़े निर्यातक देश के तौर पर विश्व पटल पर स्थापित कर सकें।

पूरी दुनिया इस समय हमें एक भरोसेमंद साथी के रूप में देख रही है क्योंकि इस महामारी के समय में भी हमने अपनी ज़रूरतों को पूरा करने के साथ साथ विश्व समुदाय की भी मदद की है।

हमें इसे एक बड़े बदलाव के रूप में देखते हुए इंडस्ट्री को इस मौके का पूरा फायदा उठाना चाहिए। ग्लोबल उद्योग संगठनों को देश की इंडस्ट्री और बाजार को ज्यादा से ज्यादा ग्लोबल बनाने में मदद करनी है। हमें आर्थिक महाशक्ति बनने के लिए देश में ऐसे प्रोडक्ट बनाने होंगे जो मेड इन इंडिया होने के साथ मेड फॉर वर्ल्ड हों।

अनुराग ठाकुर ने कहा ”प्रधानमंत्री ने भारत को फिर से तेज़ विकास के पथ पर लाने के लिए व आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए 5 आई
इंटेंट, इनक़्लूजन, इन्वेस्टमेंट, इंफ़्रास्ट्रक्चर और इनोवेशन पर बल दिया है। मोदी सरकार द्वारा हाल में जो बोल्ड फैसले लिए गए हैं, उसमें भी आपको इन सभी की झलक मिल जाएगी।

मोदी सरकार आज ऐसे पॉलिसी रिफॉर्म भी कर रही है जिनकी देश ने उम्मीद भी छोड़ दी थी। लोगों ने मान लिया था कि ये नहीं हो सकता मगर अब ऐसी चीजें हो रही हैं।

एग्रीकल्चर सेक्टर में आजादी के बाद जो नियम बने उनमें किसानों को बिचौलियों के हाथों में छोड़ दिया गया।

किसानों के साथ हो रहे अन्याय को दूर करने की इच्छाशक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने दिखाई। कानून में बदलाव के साथ अब किसानों को अधिकार मिलेंगे।

वे जहां चाहें, जिसे चाहें और जब चाहें अपनी फसल बेच सकते हैं। हमारे देश और देशवासियों में असीम क्षमता है और आने वाले समय में अपनी इच्छाशक्ति और विश्वास से तय किए गए लक्ष्यों को हासिल करने में ज़रूर सफल होंगे।

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