संस्थाओं को बंद करने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने विधानसभा में दिखाए तल्ख तेवर

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धर्मशाला। 14 वीं विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन ही सदन में भारी हंगामा देखने को मिला।शपथ से पहले ही विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

शपथ के बाद पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष जय राम ठाकुर बेहद आक्रामक रूप में दिखाई दिए। उन्होंने सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार के गठन के 10 दिनों के अंदर ही लोग सड़कों पर उतर आए।

ठाकुर ने कहा कि इससे पहले भी प्रदेश में छह सीएम रह चुके हैं पर आज तक हिमाचल के इतिहास में ऐसा नहीं हुआ।


पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार अगर कोई भी निर्णय राजनीतिक प्रतिशोध से लेगी तो उसका विरोध किया जाएगा।सीएम जब जवाब दे रहे थे तो उनकी बातों पर दर्शक दीर्घा से लोग तालियां बजाने लगे। इस पर जय राम ठाकुर ने कहा कि यह पहली बार हुआ है कि दर्शक दीर्घा में बैठे लोगों ने तालियां बजाई हैं।

वहीं दर्शक दीर्घा में उतने ही लोगों को बैठाया जाता है जितनी क्षमता होती है। पर आज यहां लोग हर कहीं बैठे हुए हैं। बाद में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि विपक्ष का ऐतराज सरकार द्वारा बिना सोचे समझे संस्थान डी नोटिफाई करने को लेकर है।

उन्होंने कहा कि 1952 में खोला गया संस्थान भी कांग्रेस सरकार ने बंद कर दिया जबकि भाजपा सरकार ने सिर्फ इस चौकी को स्थायी किया था। सरकार को कोई भी निर्णय बदले की भावना से नहीं लेना चाहिए।

जय राम ठाकुर ने कहा कि सरकार पांच साल के लिए चुनी जाती है और कोई भी इसका कार्यकाल 4 साल का नहीं कर सकता।उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के दो साल कोरोना में चले गए।सरकार पूरे पांच साल काम करती है और अप्रैल 2022 के बाद को निर्णयों को निरस्त करना असवैंधानिक है।

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आभार रैली में एक आईपीएस की मौत हो गयी फिर भी जश्न चलता रहा।यह सरकार की संवेदनहीनता दिखाता है। उन्होंने कहा कि सरकार का गठन काफी पहले ही हो गया था पर शपथ समारोह बहुत ज्यादा समय के बाद हुआ। बिना शपथ के ही विधायकों की अनुशंसा पर संस्थान बंद कर दिए गए।

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