ओपीएस बहाली से आर्थिक लाभ के साथ ही कर्मचारियों का बना रहेगा आत्मसम्मान : मुख्यमंत्री

Spread with love

शिमला। राज्य सरकार अपने एनपीएस कर्मचारियों को ओपीएस के लाभ प्रदान करेगी, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ के साथ ही प्रदेश की सेवा में उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए सम्मान भी प्राप्त होगा। यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारियों को सम्बोधित करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार कर्मचारियों को उनके सभी देय लाभ समय पर प्रदान करने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार के वित्तीय कुप्रबन्धन और अनावश्यक खर्चों के कारण आज प्रदेश पर 75 हजार करोड़ रुपये के ऋण का भारी बोझ है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की आर्थिकी को दोबारा पटड़ी पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कड़ी में राज्य सरकार को डीजल पर वैट में 3.01 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि के लिए मजबूर होना पड़ा।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि पूर्व सरकार ने अपने कार्यकाल के अन्तिम दिनों में मात्र चुनावी लाभ के लिए प्रदेश में लगभग 900 संस्थान खोल दिए। यह सभी संस्थान एवं कार्यालय बिना किसी बजट प्रावधान के ही खोले गए। उन्होंने कहा कि इन संस्थानों को कार्यशील करने के लिए प्रदेश सरकार को और 5 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता थी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार आगामी पांच वर्षों में ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने पर अपना विशेष ध्यान केन्द्रित करेगी, क्योंकि प्रदेश की 90 प्रतिशत से अधिक आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आर्थिकी को दृढ़ता प्रदान करने के दृष्टिगत दुग्ध उत्पादकों से प्रतिदिन 10 लीटर दूध की खरीद करेगी, जिसमें गाय का दूध 80 रुपये प्रति लीटर तथा भैंस का दूध 100 रुपये प्रति लीटर की दर से क्रय किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि इससे न केवल ग्रामीण आर्थिकी को बढ़ावा मिलेगा, अपितु किसान सामुदायिक स्तर पर जैविक खेती के लिए भी प्रोत्साहित होंगे।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के उपरान्त उन्होंने सर्वप्रथम टूटीकंडी स्थित बालिका आश्रम का दौरा किया और आश्रमवासियों की स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त की।

उन्होंने कहा कि ऐसे आश्रमों में रहने वाले लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं और राज्य सरकार ने इसके लिए 101 करोड़ रुपये के मुख्यमंत्री सुखाश्रय सहायता कोष के गठन का भी निर्णय लिया है।

उन्होंने कहा कि इस कोष के लिए उन्होंने अपना एक माह का वेतन दान किया है और सभी विधायकों से भी इसमें उदारतापूर्वक दान का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि इस निधि से अनाथ एवं निराश्रित लोगों को उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए धन की चिंता नहीं रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्मचारी किसी भी सरकार की रीढ़ होते हैं। उन्हीं के कठिन परिश्रम और सहयोग से राज्य सरकार अपनी नीतियों और कार्यक्रमों को सही दिशा में क्रियान्वित कर सकती है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के कर्मचारियों के साथ सौहार्दपूर्ण सम्बन्ध बनाएगी तथा कर्मचारियों की सभी मांगों और सुझावों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा।

सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार आम लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरने तथा उन्हें सुशासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य के कर्मचारियों के सक्रिय एवं रचनात्मक सहयोग की अत्यन्त आवश्यकता है।

हिमाचल प्रदेश सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह बॉबी ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए उन्हें कर्मचारियों की विभिन्न मांगों एवं मुद्दों से अवगत करवाया। उन्होंने मुख्यमंत्री को राज्य सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में कर्मचारियों की ओर से पूर्ण सहयोग प्रदान करने का आश्वासन भी दिया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: