1 अगस्त से संसद भवन से जलियांवाला बाग तक चलेगी खालिस्तान विरोधी रथयात्रा : वीरेश शांडिल्य

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शिमला। एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेश शांडिल्य ने कहा कि 1 अगस्त 2023 को दिल्ली संसद भवन से अमृतसर जलियांवाला बाग तक खालिस्तानी मुहिम के विरोध में रथयात्रा निकाली जाएगी l

शांडिल्य ने जारी प्रेस ब्यान में कहा कि इससे पहले भी उनका फ्रंट 2002 में दिल्ली से जम्मू कश्मीर तक आतंकवाद विरोधी रथयात्रा निकाल चुका है। उस वक़्त भी फ्रंट के हजारों सदस्यों ने पाकिस्तानी आतंकवाद को कड़ी चुनौती दी थी और दिल्ली से जम्मू कश्मीर तक पाकिस्तान के झंडे जिला मुख्यालयों पर जलाए थे।

वीरेश शांडिल्य ने बताया कि उन्हें आतंकवाद के खिलाफ बोलने व देश मे शांति बनाने को लेकर राज्य सरकार सम्मानित कर चुकी है। शांडिल्य ने कहा कि कहा खालिस्तानी विरोधी रथयात्रा कई जिलों में जायेगी और उसको लेकर बाकायदा प्रोग्राम तय होंगे।

उन्होंने कहा कि खालिस्तानी समर्थक पंजाब व देश का माहौल खराब कर रहे हैं और खालिस्तानी समर्थक न केवल हिन्दू सिख भाईचारे को तोड़ना चाहते हैं बल्कि भारतीय तिरंगे व संविधान को भी खालिस्तानी ललकार रहे हैं जो एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया सहन नहीं करेगी।

उन्होंने कहा कि पंजाब पूरे देश को अन्न देता है। पाकिस्तान की आईएसआई आतंकवादियों के साथ मिलकर खालिस्तानी मुहिम चला कर फिर पंजाब की सड़कों को खून से लाल देखना चाहते हैं, अगस्त में चलने वाली खालिस्तान विरोधी रथ यात्रा उनके मुंह पर तमाचा होगी।

एंटी टेरोरिस्ट फ्रंट इंडिया सुप्रीमो ने फ्रंट के सदस्यों को कहा कि अपने जिलों में टीमें मजबूत करें। अब पंजाब से खालिस्तानियों को बेनकाब करना है। उन्होंने कहा कि पंजाब को खालिस्तान बनाने की मुहिम छेड़ने वाले सिख गुरुओं के भी विरोधी हैं और उन शहीदों के भी विरोधी हैं जिन्होंने इस राष्ट्र की आजादी व तिरंगे के लिए फांसी के फंदे चूमे हैं।

शांडिल्य ने कहा कि वह 1 अगस्त से पहले हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली में फ्रंट को जमीनी स्तर पर बदलाव कर यवाओं को फ्रंट से जोड़ेंगे, जो भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, उधम सिंह, अशफाक उल्ला खान, मदन लाल ढींगरा, खुदी राम बोस की तरफ फांसी के फंदे चूमे।

शांडिल्य ने कहा कि खालिस्तान विरोधी रथ पर भारतीय तिरंगे व शहीदों के चित्र होंगे और दिल्ली में यात्रा संसद में उन शहीदों को नमन कर श्रद्धाजंलि देगा जो संसद की रक्षा करते वीरगति पा गए।

इस यात्रा का उद्देश्य हिन्दू सिख भाईचारे को मजबूत करना व पंजाब की सड़कों को फिर खून से लाल नही होने देना होगा। यात्रा में देश भक्ति के गीत भी लगातार चलेंगे।

इस यात्रा को हरी झंडी कौन देगा इसको लेकर 28 जनवरी को बैठक है। यात्रा 6 दिन की होगी और इसमें कई पड़ाव होंगे।

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