सरकार पर नहीं भरोसा, स्वास्थ्य विभाग के घोटालों की सीटिंग न्यायाधीशों के जरिए हो जांच : राणा

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हमीरपुर, 15 जून, 2020। बीजेपी की अजब सियासत का गजब खेल यह है कि जिस स्वास्थ्य विभाग पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, उन आरोपों की जिम्मेदारी उस विभाग में तो कोई लेने को तैयार नहीं है, लेकिन बीजेपी संगठन के लोगों के त्याग पत्र के जरिए जनता को गुमराह करके लीपापोती का प्रयास हो रहा है, जबकि संगठन की स्वास्थ्य विभाग के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं है।

यह बात कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने हमीरपुर में प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कही है। यह प्रेस कांफ्रेंस प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आदेशों पर हमीरपुर में आयोजित की गई थी। राणा ने कहा कि कोरोना की आड़ में सरकार में हुए बेखौफ भ्रष्टाचार ने कोरोना को कमाई का धंधा बना कर रख दिया है।

कोविड-19 के दौर में सरकार की नाक के नीचे सेनेटाइजर घोटाले को अंजाम दिया गया, जिसमें विभाग पर 50 रुपए का सेनेटाइजर 150 रुपए में खरीदने के आरोप लगे हैं। इसी तरह पीपीई किट व मास्क मामले में भी हुए भ्रष्टाचार ने कोरोना दौर को कमाई का धंधा बनाया।

इससे पहले दवाई खरीद मामले में घोटाले के आरोप लगे हैं। उस मामले की जांच का क्या हुआ, कितने आरोपियों को सजा हुई, हुई की नहीं हुई इसका अभी तक कुछ अता पता नहीं है? इसके पहले हिमुडा में कौडिय़ों की जमीनों को करोड़ों के भाव खरीद कर करोड़ों के घोटाले को अंजाम दिया गया।

यूनिवर्सिटी की फर्जी डिग्रियां, पटवारियों व पुलिस भर्ती घोटाले की सुर्खियों की स्याही अभी भी बीजेपी सरकार में हुए भ्रष्टाचार की दुहाई दे रही हैं। राणा ने कहा कि जो बीजेपी विपक्ष में रहती हुई जीरो क्रप्शन टॉलरेंस का वादा करके सरकार में आई है, उसी बीजेपी के राज में निरंतर एक के बाद एक घोटाले हो रहे हैं और अब हद यह है कि विजिलेंस की जांच में भी लीपापोती करके इन भ्रष्टाचार के मामलों को दबाने व छिपाने की कसरत जारी है।

उन्होंने कहा कि जब कभी इतिहास लिखा जाएगा तो बीजेपी की इस सरकार को सबसे भ्रष्टाचारी सरकार करार दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब विपक्ष ही नहीं सत्ता पक्ष के लोग कभी कांगड़ा तो कभी शिमला में बैठकें करके अपनी ही सरकार को भ्रष्टाचार के मामले में कटघरे में खड़े किए हुए है।

राणा बोले कि कांगड़ा में फूटा पत्र बम के आरोप अब जग जाहिर होने लगे हैं। प्रदेश के विकास को सरकार ने सिफर करके रख दिया है और अब सरकार व्यक्तिगत एजेंडे पर चलती हुई वर्चुअल रैलियां करने का फरमान जारी कर रही है।

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