निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच 10 जुलाई को करेगा प्रदर्शन

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शिमला। छात्र अभिभावक मंच निजी स्कूलों की मनमानी, लूट व प्रदेश सरकार के केवल टयूशन फीस लेने के आदेश की अवहेलना के खिलाफ़ 10 जुलाई को निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगा।

मंच ने प्रदेश सरकार, निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा को चेताया है कि वर्ष 2019 की तर्ज़ पर केवल टयूशन फीस लेने के निर्णय को अगर अक्षरशः लागू न किया गया, टयूशन फीस तिमाही के बजाए हर महीने के आधार पर न वसूली गयी, सभी तरह के चार्जेज को माफ व सम्माहित न किया गया तथा टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ न किया गया तो आंदोलन तेज होगा।

मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा व सदस्य विवेक कश्यप ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में भी निजी स्कूल खुली लूट कर रहे हैं परन्तु सरकार, निदेशक उच्चतर शिक्षा व प्रारम्भिक शिक्षा खामोश हैं। निजी स्कूलों के लगभग 70 प्रतिशत अभिभावक निजी स्कूलों द्वारा फीस को लेकर बार-बार भेजे गए मोबाइल संदेशों के दबाव में अपने बच्चों के भविष्य की चिंता में एनुअल चार्ज, एडमिशन फीस, कम्प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम चार्ज, स्पोर्ट्स चार्ज, केयरज़ फंड, मिसलेनियस फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस कैबिनेट का निर्णय आने से पूर्व ही जमा कर चुके हैं।

इस जमा फीस में टयूशन फीस भी वर्ष 2020 में आठ से बीस प्रतिशत तक बढ़ाई गयी फीस के आधार पर ही वसूली गयी है। निजी स्कूल प्रबंधन इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों में सम्माहित करने में आनाकानी कर रहे हैं और न ही इस बढ़ी हुई फीस को वापिस लौटा रहे हैं।

इस ज़्यादा वसूली गयी फीस को अगली किश्तों के रूप में सम्माहित करने अथवा वापिस लौटाने के लिए सरकार ने कोई भी उचित मैकेनिज़्म तैयार नहीं किया है।

छात्र अभिभावक मंच द्वारा जिन सात निजी स्कूलों की लिखित शिकायत की गई थी, सरकार व शिक्षा विभाग ने उन पर भी सांकेतिक कार्रवाई करके अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश की है जोकि बेहद निंदनीय है।

विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि कैबिनेट के निर्णय के अनुसार वर्ष 2019 की तर्ज़ पर ही निजी स्कूल टयूशन फीस वसूल सकते हैं लेकिन ये स्कूल वर्ष 2019 के बजाए वर्ष 2020 की फीस बढ़ोतरी के साथ यह टयूशन फीस वसूल रहे हैं।

इन स्कूलों ने पिछले वर्ष टयूशन फीस,एनुअल चार्ज, एडमिशन फीस, कम्प्यूटर फीस, स्मार्ट क्लास रूम चार्ज, स्पोर्ट्स चार्ज, केयरज़ फंड, मिसलेनियस फंड, बिल्डिंग फंड, डेवेलपमेंट फंड व अन्य सभी प्रकार के फंड व फीस के रूप में विभिन्न मदों में ली गयी फीस को इस वर्ष केवल टयूशन फीस में सम्माहित कर दिया है व पिछले वर्ष की तुलना में टयूशन फीस को चार से पांच गुणा बढ़ाकर अभिभावकों पर कोरोना काल की तिमाही में ही दस से पन्द्रह हज़ार रुपये का अतिरिक्त बोझ लाद दिया है।

उन्होंने कहा कि बहुत सारे निजी स्कूलों ने कोरोना काल का फायदा उठाते हुए अन्य चार्जेज को हटाकर 90 से 100 प्रतिशत फीस टयूशन फीस के नाम पर ही फीस बुकलेट में दर्शा दी है। अतः इन की टयूशन फीस को रेशनेलाइज़ किया जाए व उसी आधार पर अभिभावकों से फीस वसूली जाए।

टयूशन फीस किसी भी रूप में कुल फीस के पचास प्रतिशत से अधिक नहीं वसूली जानी चाहिए। इसके लिए पूरा मैकेनिज़्म तैयार किया जाना चाहिए।

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