देश की सियासत में बढ़ रहा तानाशाही का दबाव लोकतंत्र के लिए घातक : राणा

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हमीरपुर, 28 जून, 2020। देश व प्रदेश की सियासत अब अंग्रेजी हुकूमत के दौर में पहुंच रही है। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि अब देश की राजनीति अंग्रेजी हुकूमत का अनुसरण करते हुए उसके नक्शे चिन्हों पर चलने लगी है।

यह बात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के राज्य उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। राणा ने कहा कि निरंतर खतरनाक होते जा रहे सियासत के इस दौर में उन लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन होने लगा है, जिन्हें स्थापित करने के लिए देश के लाखों लोगों ने कांग्रेस पार्टी का सहयोग करते हुए अपनी कुर्बानियां देकर इस देश को दुनिया की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक ताकत बनाया था।

जहां हर नागरिक, हर धर्म, हर समुदाय व हर विपक्षी पार्टी को अपनी आवाज बुलंद करने का मौलिक अधिकार मौजूद था, लेकिन वर्तमान में देश को निजी एजेंडे पर चलाने की साजिशों व सियासत को मार्केटिंग के तौर तरीके से चलाने की स्वार्थी आदतों ने अब इन अधिकारों का हनन कर लिया है।

इतिहास गवाह है कि अंग्रेजी हुकूमत में जब कोई हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाता था तो उसको देशद्रोह के मामलों में सलाखों के पीछे धकेल कर उसकी आवाज को दफन कर दिया जाता था।

राणा ने कहा कि मौजूदा दौर में बीजेपी के शासन में भी फिर वही दौर दोहराया जा रहा है। मंहगाईयों और भाजपाईयों से त्रस्त देश के नागरिक अब जब कोई आवाज व्यवस्था में फैली अव्यवस्था के खिलाफ उठाते हैं तो उन्हें देशद्रोही करार दिया जाता है।

बीजेपी के 6 साल के शासन में जिस भी नागरिक, मीडिया या संस्था ने अव्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई है तो उसे देशद्रोही करार देते हुए, सीबीआई, इंकम टैक्स और ईडी को उसके पीछे लगाकर तरह-तरह के मानसिक यातनाएं देकर जनता की आवाज को दबाने का क्रम जारी है।

राणा ने कहा कि लोकतंत्र के लिए घातक व खतरनाक इस सियासत के दौर में अब दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत पर निरंतर खतरा मंडरा रहा है।

राणा ने कहा कि सत्तासीन बीजेपी यह न भूले कि जब-जब देश के लोगों को अनैतिक तरीकों से दबाने व मिटाने की सियासत शुरू हुई है, तब-तब उस सियासत का हश्र वही हुआ है जो अंग्रेजी हुकूमत का हुआ था।

हर तानाशाही के दौर का अंत निश्चित है।

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