जानिए नया घर खरीदने के लिये क्या होम लोन लें या देखें बचत की ओर

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दिल्ली। भारतीयों के लिये खुद के घर का मालिक बनना और उसका प्रबंधन करना गर्व की बात होती है और जीवन का ऐसा लक्ष्य, जिसे कई लोग और परिवार प्राप्त करना चाहते हैं। हालांकि, हालिया दशकों में रियल एस्टेट का मूल्य तेजी से बढ़ा है और कई लोग घर को वहन करने की योग्यता को लेकर चिंतित हुए हैं।

इस चिंता के अलावा, एक अन्य विचारणीय बिन्दु भी है, अपने सपनों के घर के लिये भुगतान कैसे करें? इसके लिये बचत करें या होम लोन लें? यह एक आम और जायज चिंता है और फाइनेंस की अधिकांश चीजों की तरह, लंबी अवधि के लिये दो विकल्पों की तुलना कर इसे दूर किया जा सकता है।

होम लोन या बचत?

सबसे पहले, होम लोन लें या बचत करें, इस प्रश्न का समाधान नया घर खरीदने की जरूरत को ध्यान में रखने से हो सकता है। उदाहरण के लिये, अगर आप अपना आदर्श घर खोज चुके हैं और यथाशीघ्र सौदा निपटाना चाहते हैं, तो होम लोन लेना सही विकल्प है।

होम लोन जैसे क्रेडिट विकल्प आपके खर्च को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिये होते हैं और इनका उपयोग अक्सर तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये किया जाता है।

हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि आप इस समीकरण में कुछ चीजों का ध्यान रखें। पहली चीज है होम लोन का ब्याज और यह देखना कि कुल खर्चा उसी उद्देश्य के लिये एक समय में आपके द्वारा संचित हो सकने वाली बचत से कम या तुलना के योग्य हो। आपको घर की कीमत की वृद्धि दर का भी ध्यान रखना चाहिये कि जरूरी राशि की बचत में कितने वर्ष लगेंगे

दूसरा, देखिये कि क्या आपको नया घर वहन करने के लिये पर्याप्त बचत संचित करने के लिये अपनी संपत्तियों को नष्ट करना होगा। अधिकांश लोग अपने फालतू पैसे का निवेश म्युचुअल फंड्स, इक्विटीज, सावधि जमा, आदि में करना पसंद करते हैं।

यदि आपके साथ भी ऐसा ही है, तो नये घर के लिये संपत्तियों को नष्ट करने का मतलब भविष्य के कई निवेशों की आय से हो सकता है। यह एक लंबी और अक्सर जटिल रहने वाली प्रक्रिया है और आपकी भविष्य की वित्तीय योजनाओं में दखल भी दे सकती है। होम लोन लेने से आपके निवेश अनछूए रहेंगे और भविष्य में बेहतर वित्तीय प्रतिफल देंगे।

अंत में, कर लाभों का ध्यान रखना जरूरी है, जो इनमें से केवल एक विकल्प से मिलता है- होम लोन। होम लोन लेते समय आप आयकर अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत मूलधन के पुनर्भुगतान के सम्मुख कर में 1.5 लाख रू. तक की छूट का दावा कर सकते हैं, जिससे आपको कर के बोझ से बड़ी वार्षिक राहत मिलेगी।

इसके अलावा, आप अपने होम लोन के 2 लाख रू. ब्याज पर कर में अतिरिक्त छूट का दावा कर सकते हैं, जैसा कि धारा 24 में निहित है। अगर आप या आपका परिवार खरीदी के बाद नये घर में रहना चाहता है, तो ब्याज की यह कटौती 2 लाख रू. तक हो सकती है। लंबी अवधि के लिये देखें, तो यह कर लाभ होम लोन लेने के लिये एक मजबूत कारण देते हैं।

निष्कर्ष

अगर आपने एक अच्छी राशि संचित की है, तो नया घर लेने के लिये उसका उपयोग करना अच्छा लग सकता है। ऐसा कर आप ब्याज और डेट से दूर रहेंगे और आपका खर्च तनाव-मुक्त होगा।

हालांकि, कई लोगों और परिवारों के लिये, होम लोन लंबी अवधि में ज्यादा आकर्षक लाभ देते हैं। यदि प्रतिस्पर्धी दरों पर लिये जायें, तो होम लोन कुल मिलाकर कम खर्चीला विकल्प होते हैं और आपके निवेशों में बाधा पहुंचाने से आपको बचाते हैं। वे अच्छे कर लाभ भी दे सकते हैं और कर का बोझ बहुत हद तक कम करते हैं।
लेखकः ऋषि आनंद, चीफ बिजनेस ऑफिसर, आधार हाउसिंग फाइनेंस

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