कोरोना को लेकर सत्ता पक्ष व जनता, विपक्ष के लिए क्या अलग-अलग हैं कानून: राणा

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हमीरपुर। कोरोना जैसी महामारी को लेकर प्रदेश सरकार कतई गंभीर नहीं है। अब सरकार पर ही कोरोना को फैलाने के आरोप लग रहे हैं।

कोरोना को लेकर सत्ता पक्ष के लिए अलग कानून लागू हो रहे हैं, जबकि आम जनता और विपक्ष के लिए अलग कानून लागू हो रहे हैं। अगर विपक्ष या जनता में से कोई कोरोना एसओपी को तोड़ रहा है तो एसओपी तोड़ने के तहत कार्रवाई हो रही है जबकि सत्ता पक्ष और सरकार की तरफ से कोई एसओपी तोड़ रहा है तो कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

इससे तो बेहतर है कि सरकार आम जनता और विपक्ष के लिए अलग नोटिफिकेशन जारी करे व अपने लिए अलग नोटिफिकेशन जारी कर ले ताकि जनता समझ सके कि एसओपी तोड़ने पर कार्रवाई सिर्फ जनता पर ही होगी, सत्ता पक्ष पर नहीं।

यह बात राज्य कांग्रेस उपाध्यक्ष एवं विधायक राजेंद्र राणा ने यहां जारी प्रेस बयान में कही है। बात-बात पर बेमतलब जश्नों में डूबी सरकार ही महामारी की गंभीरता को नहीं समझ पा रही है जिस से महीनों के लॉकडाउन का मकसद जीरो होता नजर आ रहा है।

कोरोना का कहर समूचे प्रदेश में लगातार बढ़ रहा है। सोलन व सिरमौर इस महामारी की जद् में कम्युनिटी स्प्रेड की ओर बढ़ रहे हैं।

राणा ने कहा कि अगर सरकार को ही सत्ता का दुरूपयोग करते हुए एसओपी को दरकिनार करना है तो ऐसे में सरकार प्रदेश की जनता के लिए अलग नोटिफिकेशन जारी करे व अपने लिए अलग नोटिफिकेशन जारी करे, ताकि जनता समझ सके कि कोरोना की एसओपी सिर्फ जनता पर ही लागू होगी।

सिरमौर से लेकर समीरपुर व पालमपुर तक नेताओं की प्रदक्षिणा करने वाले मंत्री व संगठन के मुखिया चौखट पर शीश निभाने की होड़ में तमाम एसओपी प्रोटोकॉल को तोड़ रहे हैं।

सरकार शिलान्यासों की होड़ में प्रदेश के एक सिरे से दूसरे सिरे तक बेखौफ घूम रही है और अब कोरोना ने सरकार के सुरक्षा चक्र व सहयोगी कर्मियों पर अटैक किया है। ऐसे में हर जगह घूमे इन लोगों के कॉन्टेक्ट में कितने लोग आए हैं, अब इसकी रायशुमारी कोरोना के कहर को बढ़ाने व फैलाने का काम करेगी।

देश भर में अनलॉक प्रक्रिया के बाद अब हिमाचल के कई कस्बों व शहरों में फिर से लॉकडाउन हो रहा है। ऐसे में यह समझना मुश्किल नहीं है कि अब सरकार ही कोरोना फैलाने में लगी है।

मुख्यमंत्री की कारकिड के दो स्टाफ अब कोरोना पॉजीटिव आए हैं। प्रदेश के मुख्मयंत्री के कार्यालय व आवास पर फिर से कोरोना का खतरा मंडराया है।

पिछले महीने ही मुख्यमंत्री स्टाफ के अधिकारी पॉजीटिव पाए गए थे। अब मुख्यमंत्री स्टाफ के दो लोगों के पॉजीटिव आने से ट्रेसिंग कॉन्टेक्ट का सिलसिला शुरू हुआ है।

राणा ने कहा कि सरकार हाल ही में कांगड़ा के दौरे से वापिस आई है। ऐसे में खतरे को समझना मुश्किल नहीं है। अब जनता को सबसे बड़ा खतरा सरकार से होने लगा है क्योंकि सरकार कोरोना की एसओपी को मान नहीं रही है व विपक्ष व जनता पर इसे लागू करके मनमानी कर रही है।

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