किसानों के आर्थिक उत्थान को सरकार प्रतिबद्ध : परमार

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प्रदेश में 55 हजार किसानों ने अपनाई प्राकृतिक खेती

पालमपुर। विधान सभा अध्यक्ष, विपिन सिंह परमार ने राष्ट्रीय कृषि सतत मिशन योजना के अंतर्गत 29 विभिन्न लाभार्थियों को 11 लाख 40 हजार के सहायता राशि के चेक वितरित किये।

सुलाह विधान सभा क्षेत्र के अक्षैणा में विकास खण्ड सुलाह तथा भवारना के लाभार्थियों को देशी गाय, वर्मी कम्पोस्ट के पिट वाटर पंप, पावर वीडर, ट्रैक्टर और गौशाला को पक्का इत्यादि करने के लिये सहायता उपलब्ध करवाई गई।

विधान सभा अध्यक्ष ने सभी लाभार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और लगभग 70 प्रतिशत आबादी की आर्थिकी कृषि पर ही निर्भर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के किसानों को समृद्ध और स्वाबलंबी बनाने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि किसानों के कल्याण के लिए दर्जनों योजनाएं चलाई जा रही है।

किसानों की फसलों को जंगली और लावारिश पशुओं से बचाने के लिये मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना, मुख्यमंत्री नूतन पॉॅलीहाउस परियोजना, मुख्यमंत्री ग्रीनहाउस रेनोवेशन योजना, राष्ट्रीय मृदा स्वाथ्य कार्ड योजना, कृषि यंत्रों का पर्वतीय कृषकों को बढ़ावा देने के लिए कृषि मशीनरी उप एवं राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, कृषि में विविधिकरण हेतु सब्जी क्षेत्र के विस्तार के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, किसानों के खेतों को सिंचाई के लिए सौर सिंचाई योजना एवं सुक्ष्म सिंचाई योजनाओं जैसी अनेक महत्वकांशी योजनाएं संचालित की जा रही हैं और इनका सीधा लाभ किसानों को पहुंच रहा है।

परमार ने कहा कि केंद्र सरकार की प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना और प्रधानमंत्री किसान सम्मान समृद्धि योजना में किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपये की सहायता उपलब्ध करवाई जा रही है।

उन्होंने कहा कि किसानों की लागता को कम करने और आय को दोगुणा करने के लिए प्रदेश में प्राकृतिक खेती खुशहाल किसान योजना में किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की 2934 पंचायतों के लगभग 55 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है। उन्होंने कहा कि जिला कांगड़ा की 734 पंचायतों 13 हजार 852 किसान 185 हैक्टेयर क्षेत्र में प्राकृतिक खेती कर रहें हैं और जिला के लगभग 16 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

उन्होंने कहा कि सुलाह हलके में भी 22 हैक्टेयर क्षेत्र में 1293 किसानों ने प्राकृतिक खेती को अपनाया है।

उन्होंने कहा कि लोगों को प्राकृतिक खेती की प्रेरित करने के लिए देशी गाय एवं अन्य उपकरण लेने के लिए अनुदान उपलब्ध करवाया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि सुलाह हलके को लावारिश पशु रहित बनाने के लिये नागिनी में गौसदन बनाया गया है और आने वाले समय में यहां काऊ सेंचुरी स्थापित की जाएगी।

उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी में प्रभावित लोगों को घर के नजदीक रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिए समग्र मनरेगा और एक बीघा योजना आरम्भ की गई है। इसके पश्चात विधान सभा अध्यक्ष ने महिला मोर्चा की बैठक में भी शिरकत की।

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